रविवार, 9 जून 2013

***  प्रीत तुम्हारी ... ***



तुम मिले मुझको 
जहाँ की इस भीड़ में 
मैं अपनी ज़िन्दगी के जब 
मायने ढूँढने में लगी थी।

वो शायद शब्दों का साहचर्य था, 
जब मैं तलाशती रही उसमें,
अपने 'होने' के वजूद को 
और हारा किया मेरा मन 
जीवन के हर अनुष्ठान में,
वो मेरी,
प्रेमाहुति हो,
कि मेरे मन के 
जीवन यज्ञ का 
धधकता हुआ भरम।

हर कुछ टूटता- बुझता रहा
अपने- अपने गुमान में 
समय के पाश में फँसकर,
मैं तब भी पा न सकी
किसी के साथ के एहसास को
वो जो चिरकाल से 
मेरा स्वप्न बना रहा
किसी के आगमन को लेकर. 

इन एहसासों के बीच,
तुम अचानक से आकर
मानो, बादल- सा छा गए,
मेरे पूरे आलम में,
वो तेरा बारीकियों से घूरना हो,
या कि अँधेरे की आगोश में,
मुझे एहसासों से लपेटना,
हर ओर से तुमने मुझे 
भावों से,
क़ैद ही कर रखा था,
पहले किसी बंदिश में मैंने
जहाँ इतनी आज़ादी नहीं महसूसी ।

मैंने चाहा तो नहीं 
किसी ऐसी शय से जुड़ना,
पर तुमने मुझे
'खींचे जाने' के,
मायने दिखाए,
और एक न चली,
जिसे अरसे से मैंने 
दबा- दबाकर जीने का,
भरम पैदा किया था .

हाँ, तुम मिले मुझे 
मेरी सूनी और सुदूर राह में 
जहाँ मैं,
सबके संग होकर भी 
अकेली ही,
चली जा रही थी ...
पर, तुम पहले,
क्यूँ नहीं मिले
मैंने जब
'झूठ' में कभी 
तलाशा किया था तुमको,
तुम देर से आकर भी 
क्यूँ न 
मिल गए थे मुझको!

अब आज तुम,
मेरे पास हो,
मैं डरी -सहमी-सी 
इस बात पे हैराँ हूँ
कि  कल से मुझे तुम 
फिर मेरे
बीते हुए कल दे जाओगे।

हाँ, जीयूँगी मैं उन्हीं में ,
तुमने मुझे अब जीने के 
ढेरों मायने,
दे रखे  हैं,
जहां अब
तेरा 'होना' ही,
बहुत कुछ है मेरा,
सदियों से जिसे मैंने 
अपनी उदासियों से,
पाट रखा था .

मैं अब कैसे जाने दूँ
तेरे ख़यालों को भी 
अपने ज़ेहन से दूर 
मेरी हर बात में,
तेरे बस जाने का,
मैंने  गुमान पैदा किया है .
और यही अब पहचान है 
की तुम मेरे हो, न हो,
मैं इस गुमान का 
एकमात्र साक्ष्य बनी रहूँ।

देखो न ...
नहाती हूँ रोज़ ही मैं,
उस नहाए हुए साबुन से 
कि  तुम मिलो न मिलो,
तेरी खुशबू को,
चस्प करने के एहसास से,
मेरा साक्षात्कार तो हो,
और इसी दरम्याँ,
रोता भी है मन मेरा,
कि  तुझसे मिलकर
छू जाने का 
ये ज़रिया भी इक दिन 
घुलकर ख़त्म न हो जाए।

पर फिर भी,
मैं अब,
धो नहीं पाऊँगी इसको 
हाँ, मैं वही चादर ओढ़ती हूँ 
जो तुम ,
आखिरी बार 
यहाँ ओढ़कर गए थे ...!***

        --- अमिय प्रसून मल्लिक


Pic courtesy: Roop Kaur at http://www.desicomments.com

6 टिप्‍पणियां: