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*** कहो तो ज़रा...***
उसने कहा,
इधर- उधर न देखो,
बस प्यार करो!
कैसे करते हो कुछ,
क्या- क्या तब
जाने कैसे सोच पाते हो!
अच्छे बुरे की सारी परख
कैसे
अभी ही करते हो!
'प्यार नहीं करते तुम
कि जब
मैं तुम्हारा स्पर्श चाहती हूँ;
तुम
सुरक्षा के सवालों में मशगूल हो जाते हो!' ***
- © अमिय प्रसून मल्लिक.
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