!!! कापीराईट चेतावनी !!!
© इस ब्लॉग पर मौजूद सारी रचनाएँ लेखक/ कवि की निजी और नितांत मौलिक हैं. बिना लिखित आदेश के इन रचनाओं का अन्यत्र प्रकाशन- प्रसारण कॉपीराइट नियमों का उल्लंघन होगा और इस नियम का उल्लंघन करनेवाले आर्थिक और नैतिक हर्ज़ाने के त्वरित ज़िम्मेवार होंगे.

शनिवार, 3 नवंबर 2018

*** साथ तुम्हारा...***



मैंने कहा,
अब चाय या कॉफ़ी कुछ लोगी!

जवाब आया,
कुछ नहीं लूँगी,
बस तुम पास बैठे रहो मेरे
मैं देखूंगी तुम्हें।

...चाय या कॉफ़ी ले लेती
तो जाने
क्या- क्या नहीं बन जाती ये! ***

              - © अमिय प्रसून मल्लिक.

कोई टिप्पणी नहीं: